कमरा कितना भी साफ हो
"धूल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती
"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को 'अहमियत' देता हूँ...
क्योंकि जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
जिंदगी जीने के लिए सबक
और साथ दोनों जरुरी होता है।
सुप्रभात्
"धूल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती
"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को 'अहमियत' देता हूँ...
क्योंकि जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
जिंदगी जीने के लिए सबक
और साथ दोनों जरुरी होता है।
सुप्रभात्
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