प्रकृति अपने नियम से कभी नहीं चूकती। अगर पौधे को आप पानी देते हैं तो वह स्वत: हरा भरा रहेगा और यदि आपने उसकी उपेक्षा शुरू की तो उसे मुरझाने में भी वक्त नहीं लगने वाला है। जिन लोगों ने इस दुनियाँ को स्वर्ग कहा उनके लिए यही प्रकृति उनके अच्छे कार्यों से स्वर्ग वन गई और जिन लोगों ने गलत काम किये उनके लिए यही प्रकृति, यही दुनियाँ नरक बन गई।
यहाँ खुशबू उनके लिए स्वत: मिल जाती है जो लोग फूलों की खेती किया करते हैं और यहाँ मीठे फल उन्हें स्वत: मिल जाते हैं जो लोग पेड़ लगाने भर का परिश्रम कर पाते हैं।
अत: यहाँ चाहने मात्र से कुछ नहीं प्राप्त होता जो भी और जितना भी आपको प्राप्त होता है वह निश्चित ही आपके परिश्रम का और आपके सदकार्यों का पुरुस्कार होता है।
No comments:
Post a Comment