Sunday, 5 August 2018

कबीरदास के अनमोल वचन/ Kabirdas ke anmol vachan

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब.

पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब.

अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि जो कल करना है उसे आज करो और जो आज करना है उसे अभी करो, कुछ ही समय में जब जीवन ख़त्म हो जायेगा फिर तुम कुछ नहीं कर पाओगे.



लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट.

पाछे फिर पछ्ताओगे, प्राण जाहि जब छूट.

अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि अभी राम नाम की लूट मची है, अभी तुम भगवान का जितना नाम लेना चाहो ले लो नहीं तो फिर समय निकल जाने पर अर्थात मर जाने के बाद पछताओगे कि मैंने तब भगवान राम की पूजा क्यों नहीं की.


माँगन मरण समान है, मति माँगो कोई भीख.

माँगन ते मारना भला, यह सतगुरु की सीख.

अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि कुछ भी माँगना मरने के बराबर है इसलिए किसी से भी भीख मत मांगो. सतगुरु जी कहते हैं कि मांगने से मर जाना बेहतर है अर्थात अपने पुरुषार्थ से स्वयं चीजों को प्राप्त करो, उसे किसी से मांगो मत.

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