Wednesday, 29 August 2018

सदा ध्यान रहे


🕉 यदि लौकिक आसक्तियों और स्वार्थमयी इच्छाओ से आप अपने आप को आज़ाद कर ले तो फिर सत्य पाने की बात ही क्या, आप स्वयं इसी क्षण सत्य है।

🕉 दृश्यों में प्रीती न करना ही वैराग्य है ।

🕉 परमार्थ तत्व के विषय में तीन पक्ष है ।
1. मुझसे भिन्न कुछ भी नही है।
2. सब मै ही हूँ।
3. सब वासुदेव ही है।
विचार से देखा जाये तो तीनो एक ही है

🕉 सदा ध्यान रहे
🕉 1. संसार को दुःख रूप समझना ।
🕉  2. उसे स्वप्न समझना।
🕉  3. उसे भगवान की माया समझना।
🕉  4. उसे आत्मा की तरंग समझना ।

No comments:

Post a Comment