Saturday, 21 July 2018

कपालभाति प्राणायाम/ Kapalbhanti Pranayam

कपालभाती आसन एक ऐसा आसन है जिसमें सभी योगासनों का फायदा मिलता है। इसलिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
योग की हर क्रिया कारगर होती है, लेकिन बात जब कपालभाती प्राणायाम की होती है तो इसे जीवन की संजीवनी कहा जाता है। योग के आसनों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जाने वाली एक रोचक प्रक्रिया है। दिमाग के आगे के हिस्‍से को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है।

कैसे करें

कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है। ध्यान रखें कि सांस लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है। इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुं‍डलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है। कपालभाती प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि हमारे शरीर के सारे नकारात्‍मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं।

फायदे

  1. कपालभाति प्रणायाम की मदद से आप अपने शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल सकते हैं।
  2. ये लिवर और किडनी को बेहतर काम करने लायक बनाता है।
  3. इस प्रणायाम से थकान कम होती है और शरीर में स्फूर्ति आती है।
  4. ये आंखों के नीचे के काले घेरों को भी ठीक करता है।
  5. कपालभाति प्रणायाम से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है।
  6. ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने के कारण आपका दिमाग अच्छी तरह काम करता है।
  7. इस प्रणायाम से फेफड़ों का फंक्शन भी अच्छा हो जाता है।

शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी कम होती है खासकर पेट की, यानी यह वजन कम करने में भी कारगर आसन है।  इसके नियमित अभ्‍यास करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्या भी दूर हो जाती है।
कपालभाती प्राणायाम का सबसे ज्याद प्रभाव पड़ता है शरीर और मन पर, क्‍योंकि यह मन से नकारात्‍मक तत्‍वों को दूर कर सकारात्‍मकता लाता है। थायराइड, चर्म रोग, आंखों की समस्‍या, महिलाओं की समस्‍या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर सामान्‍य करना, किडनी को मजबूत बनाने जैसे सभी तरह की समस्‍याओं को दूर करने की क्षमता होती है

 सावधानी

जिन लोगों को सांस संबंधी समस्‍या हो उनको चिकित्‍सक की सलाह के बाद ही यह आसन करना चाहिए।


 

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