योग के आठ अंगों में से चौथा अंग है प्राणायाम। 'प्राणस्य आयाम: इत प्राणायाम'। ''श्वासप्रश्वासयो गतिविच्छेद: प्राणायाम''-(यो.सू. 2/49)
भावार्थ : अर्थात प्राण की स्वाभाविक गति श्वास-प्रश्वास को रोकना प्राणायाम है।
प्राणायाम दो शब्दों के मेल से बना है: "प्राण" और "आयम"। प्राण का मतलब 'महत्वपूर्ण ऊर्जा' या 'जीवन शक्ति' है। प्राणायाम श्वास के माध्यम से यह ऊर्जा शरीर की सभी नाड़ियों में पहुँचाता है। "प्राणायाम" शब्द में "प्राण" के साथ "आयम" की संधि की गयी है। आयम का मतलब है विस्तार करना'। तो इसलिए "प्राणायाम" का सही मतलब है "प्राण का विस्तार करना"।
प्राणायाम के प्रकार -
प्राणायाम के कई प्रकार हैं उसमे से कुछ प्रमुख हैं:
नाड़ी शोधन प्राणायाम
शीतली प्राणायाम
उज्जयी प्राणायाम
कपालभाती प्राणायाम
भास्त्रिका प्राणायाम
बाह्या प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम
उद्गित प्राणायाम
अनुलोम - विलोम प्राणायाम
अग्निसर क्रिया
शीतली प्राणायाम
उज्जयी प्राणायाम
कपालभाती प्राणायाम
भास्त्रिका प्राणायाम
बाह्या प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम
उद्गित प्राणायाम
अनुलोम - विलोम प्राणायाम
अग्निसर क्रिया
प्राणायाम के लाभ -
प्राणायाम का अभ्यास तनाव, अस्थमा और हकलाने से संबंधित विकारों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
प्राणायाम अवसाद के लिए भी चिकित्सिए है।प्राणायाम के अभ्यास से स्थिर मन, और दृढ़ इच्छा-शक्ति प्राप्त होती है।इसके अलावा नियमित रूप से प्राणायाम करने से लंबी आयु प्राप्त होती है।
आपके शरीर में प्राण शक्ति बढ़ाता है प्राणायाम।अगर आपकी कोई नाड़ी रुकी हुई हो दो उसे को खोल देता है।
मन को स्पष्टता और शरीर को सेहत प्रदान करता है।शरीर, मन, और आत्मा में तालमेल बनाता है।
प्राणायाम अवसाद के लिए भी चिकित्सिए है।प्राणायाम के अभ्यास से स्थिर मन, और दृढ़ इच्छा-शक्ति प्राप्त होती है।इसके अलावा नियमित रूप से प्राणायाम करने से लंबी आयु प्राप्त होती है।
आपके शरीर में प्राण शक्ति बढ़ाता है प्राणायाम।अगर आपकी कोई नाड़ी रुकी हुई हो दो उसे को खोल देता है।
मन को स्पष्टता और शरीर को सेहत प्रदान करता है।शरीर, मन, और आत्मा में तालमेल बनाता है।
No comments:
Post a Comment