1. मन में सोंचे हुए काम को किसी के सामने जाहिर नही करना चाहिए बल्कि उस काम को अपने मन में रखते हुए पूरा कर देना चाहिए।
2. जो व्यक्ति आर्थिक व्यवहार करने में, ज्ञान अर्जन करने में, खाने में और काम-धंदा करने में शर्माता नहीं है वो सुखी हो जाता है।
3. हम अपना हर कदम फूक फूक कर रखे. हम वही काम करे जिसके बारे हम सावधानीपुर्वक सोच चुके है.
4. जो भविष्य के लिए तैयार है और जो किसी भी परिस्थिति को चतुराई से निपटता है वो सुखी रहता है।
5. नसीब के सहारे चलने वाले लोग जल्दी बर्बाद हो जाते है।
6. जिस व्यक्ति के काम करने की कोई व्यवस्था नहीं, उसे कोई सुख नहीं मिल सकता।
7. वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है, वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम मेहनत करते है, क्योंकि मेहनत से बढ़कर कुछ नहीं।
8. आचार्य चाणक्य के अनुसार शेर से 1 बात सीखे, बगुले से 1, मुर्गे से 4, कौवे से 5, कुत्ते से 4 और गधे से 3 बाते सीखें:
1. शेर से यह बढ़िया बात सीखे की आप जो भी करना चाहते हो एकदिली से और जबरदस्त प्रयास से करे।
2. बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करे.
3. मुर्गे से हे चार बाते सीखे… 1. सही समय पर उठे. 2. नीडर बने और लड़े. 3. संपत्ति का रिश्तेदारों से उचित बटवारा करे. 4. अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करे.
4. कौवे से ये पाच बाते सीखे… 1. अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे. 2. नीडरता 3. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. 4. सभी ओर दृष्टी घुमाये. 5. दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे.
5. कुत्ते से ये बाते सीखे 1. बहुत भूख हो पर खाने को कुछ ना मिले या कम मिले तो भी संतोष करे. 2. गाढ़ी नींद में हो तो भी क्षण में उठ जाए. 3. अपने स्वामी के प्रति बेहिचक इमानदारी रखे 4. निडरता।
6. गधे से ये तीन बाते सीखे. 1. अपना बोझा ढोना ना छोड़े. 2. सर्दी गर्मी की चिंता ना करे. 3. सदा संतुष्ट रहे.
9. भविष्य में आनी वाली मुसीबतो से बचने के लिए धन इकट्ठा करना चाहिए, यहां तक कि अमीरों को भी, क्योंकि जब धन साथ छोड़ता है तो संगठित धन भी तेज़ी से घटने लगता है।
10. हर चीज़ की ‘अति’ बुरी होती है, क्योंकि आत्याधिक सुंदरता के कारन सीताहरण हुआ, अत्यंत घमंड के कारन रावन का अंत हुआ, अत्यधिक दान देने के कारन रजा बाली को बंधन में बंधना पड़ा, अतः सर्वत्र अति को त्यागना चाहिए।
11. यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे। लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए।
12. व्यक्ति नीचे दी हुए 3 चीजो से संतुष्ट रहे…
1. खुदकी पत्नी
2. वह भोजन जो विधाता ने प्रदान किया.
3. उतना धन जितना इमानदारी से मिल गया.
13. लेकिन व्यक्ति को नीचे दी हुई 3 चीजो से संतुष्ट नहीं होना चाहिए…
1. अभ्यास
2. भगवान् का नाम स्मरण
3. दूसरो की भलाई
14. हमें दुसरो से जो मदद प्राप्त हुई है उसे हमें लौटना चाहिए. उसी प्रकार यदि किसीने हमसे यदि दुष्टता की है तो हमें भी उससे दुष्टता करनी चाहिए. ऐसा करने में कोई पाप नहीं है।
15. एक समझदार व्यक्ति को कभी ऐसी जगह नही जाना चाहिए जहां:
– रोज़गार कमाने का कोई साधन ना हो,
– लोगो को किसी बात का डर ना हो,
– लोगो को किसी बात की शर्म ना हो,
– जहां बुद्धिमान लोग ना हो,
– और जहां के लोग दान धर्म करना ना जानते हों।
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