Friday, 31 May 2019

आगे ही अब बढ़ते जाओ

चल पड़े हो अगर बाबा तो, 
आगे ही अब बढ़ते जाओ, 
सोई हुई इस जनता को, 
अब फिर से जीना सिखलाओ, 
बहुत हो चुकी बर्बादी, 
इंसान जला सामान जला, 
श्मसान हो चुके गाँव- नगर को, 
फिर से नगर बना दो बाबा, 
अत्याचारी को सदाचार का, 
अब पाठ पढ़ा दो बाबा, 
अन्तरमन में दबी चिंगारी को, 
अब आग बनाओ जल्दी से, 
अत्याचार का अन्त करके, 
इंसान को इंसान बनाओ जल्दी से, 
धर्म का ऐसा हुँकार करो, 
जो जन- जन को दिखाई और सुनाई दे, 
जन - जन के भीतर का पाप मरे, 
बस इंसान ही इंसान दिखाई दे, 
अब इंसान को इंसान बना दो बाबा, 
जीना सबको सिखा दो बाबा।।

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