Thursday, 16 May 2019

जीवन जीना सीख लिया

एक लड़की आई बीवी बनकर,
तो उसका तरीका मैंने सीख लिया,
समय पर उठना, खाना-पीना,
समय पर सोना सीख लिया,
पर माँ के संस्कारो को,
हम भुला नहीं सकते,
इन्ही संस्कारो से तो,
मैंने हर किसी को अपनाना सीख लिया,
बीवी है कौन, और जीवन में होती है क्या,
ये मुझे बताया माँ ने मेरी,
जीवन के सुख दुःख में,
मैंने हर पल खुश रहना सीख लिया,
बीवी का जो साथ मिले तो,
घर में खुशहाली आये,
साल में एक बार नहीं,
हर दिन दीवाली आये,
घर में सोच समझकर बात करो,
तो सारा रिश्ता चल जाता है,
माँ की बात मान कर विक्रान्त ने,
खुद पर संयम रखना सीख लिया,
माँ के दिए ज्ञान से मैंने
दुनिया में रहना सीख लिया,
मैंने जीवन जीना सीख लिया।

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