Saturday, 1 June 2019

याद कर लो

चले थे साथ मिलकर हम कभी 
तुम वो जमाना याद कर लो 
बिछड़ गए हैं हम अभी 
पर तुम वो जमाना याद कर लो 
हाथो में लेकर हाथ 
बातें करते थे सारी रात 
न जाने कहाँ चली गयी वो शाम 
एक बार फिर वो शाम याद कर लो 
फिर आ जाओ मेरे पास 
रंगीन कर दो मेरी सुबह और शाम 
अपनी बाहों में भर के मुझे 
मेरे शरीर में जीवन का संचार कर दो 
चली गयी हो जब से बेजान हो गया हूँ 
तेरी राह तकते -तकते चट्टान हो गया हूँ 
आकर पास मेरे मुझे अपना बना लो 
विक्रान्त टूट जाये इससे पहले इसे अपना बना लो।

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