चले थे साथ मिलकर हम कभी
तुम वो जमाना याद कर लो
बिछड़ गए हैं हम अभी
पर तुम वो जमाना याद कर लो
हाथो में लेकर हाथ
बातें करते थे सारी रात
न जाने कहाँ चली गयी वो शाम
एक बार फिर वो शाम याद कर लो
फिर आ जाओ मेरे पास
रंगीन कर दो मेरी सुबह और शाम
अपनी बाहों में भर के मुझे
मेरे शरीर में जीवन का संचार कर दो
चली गयी हो जब से बेजान हो गया हूँ
तेरी राह तकते -तकते चट्टान हो गया हूँ
आकर पास मेरे मुझे अपना बना लो
विक्रान्त टूट जाये इससे पहले इसे अपना बना लो।
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