मैं होंठो से कुछ कह पाया नहीं,
पर निगाहो ने मेरी कुछ छुपाया नहीं,
वो जान सब कुछ गए, पर कुछ बोले नहीं,
वो चले यूँ गये, मुड़कर देखे नहीं,
बहुत समय तक मैं यूँ ही राह तकता रहा,
और जमाना मुझपे ही हँसता रहा,
मुद्दतें हो गई आज आये हैं वो,
मुझे ही भला बुरा सुनाये हैं वो,
कहते हैं कि क्यूँ मुँह से बोला नहीं,
जुबां से क्यूँ कुछ भी बोला नहीं,
प्यार को यूँ छुपाना नहीं चाहिए,
दिल भी किसी का दुखाना नहीं चाहिए,
दिल उनका न दुखे ये सोचकर चुप रहा,
हो गयी वो किसी की न विक्रान्त की हुई,
उनकी बात सुनकर बहुत पछतावा हुआ,
उनकी जुदाई का गम अब जीवन भर का हुआ,
इसलिए भाई सुन लो जरा ध्यान से,
प्यार का इजहार कर दो समय जान के।
पर निगाहो ने मेरी कुछ छुपाया नहीं,
वो जान सब कुछ गए, पर कुछ बोले नहीं,
वो चले यूँ गये, मुड़कर देखे नहीं,
बहुत समय तक मैं यूँ ही राह तकता रहा,
और जमाना मुझपे ही हँसता रहा,
मुद्दतें हो गई आज आये हैं वो,
मुझे ही भला बुरा सुनाये हैं वो,
कहते हैं कि क्यूँ मुँह से बोला नहीं,
जुबां से क्यूँ कुछ भी बोला नहीं,
प्यार को यूँ छुपाना नहीं चाहिए,
दिल भी किसी का दुखाना नहीं चाहिए,
दिल उनका न दुखे ये सोचकर चुप रहा,
हो गयी वो किसी की न विक्रान्त की हुई,
उनकी बात सुनकर बहुत पछतावा हुआ,
उनकी जुदाई का गम अब जीवन भर का हुआ,
इसलिए भाई सुन लो जरा ध्यान से,
प्यार का इजहार कर दो समय जान के।
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