Wednesday, 19 January 2022

तुम्हे जब देखता हूँ मैं

तुम्हे जब देखता हूँ मैं 
तो सब कुछ भूल जाता हूँ 
कहाँ हूँ क्यों खड़ा हूँ मैं 
ये सब भी भूल जाता हूँ 
तुम्हारी आँखों का काजल 
गजल मेरी बनाता है 
तुम्हारी साँस की खुशबू 
मेरा तन - मन महकाता है 
तुम्हे पाकर पास अपने 
मैं दुनिया को भूल जाता हूँ 
तुम्हारा मुस्कुराना भी 
खिलते फूलो सा लगता है 
तुम्हारा यूँ शरमाना विक्रान्त 
के दिल को चुराता है 
तुम्हे जब देखता हूँ मैं 
तो सब कुछ भूल जाता हूँ 
कहाँ हूँ क्यों खड़ा हूँ मैं 
ये सब भी भूल जाता हूँ

खोया - खोया रहता हूँ

जब से मिला हूँ तुमसे मैं, 
बस खोया - खोया रहता हूँ, 
मिल जाऊँ तुमसे जल्दी मैं, 
यही ख्वाब संजोया रहता हूँ, 
जल्दी से तुमको पा जाऊँ, 
मैं और तुम से हम हो जाऊँ, 
इस सपने में रंग भरने को, 
मैं सोया - सोया रहता हूँ, 
होगी वो कहाँ, कैसे होगी, 
ये बात सताती है विक्रान्त को हरपल, 
रहेगी इक दिन साथ मेरे, 
ये उम्मीद जगाये रहता हूँ
जब से मिला हूँ तुमसे, 
बस खोया - खोया रहता हूँ।

प्यार का इजहार

मैं होंठो से कुछ कह पाया नहीं, 
पर निगाहो ने मेरी कुछ छुपाया नहीं, 
वो जान सब कुछ गए, पर कुछ बोले नहीं, 
वो चले यूँ गये, मुड़कर देखे नहीं, 
बहुत समय तक मैं यूँ ही राह तकता रहा, 
और जमाना मुझपे ही हँसता रहा, 
मुद्दतें हो गई आज आये हैं वो, 
मुझे ही भला बुरा सुनाये हैं वो, 
कहते हैं कि क्यूँ मुँह से बोला नहीं, 
जुबां से क्यूँ कुछ भी बोला नहीं, 
प्यार को यूँ छुपाना नहीं चाहिए, 
दिल भी किसी का दुखाना नहीं चाहिए, 
दिल उनका न दुखे ये सोचकर चुप रहा, 
हो गयी वो किसी की न विक्रान्त की हुई, 
उनकी बात सुनकर बहुत पछतावा हुआ, 
उनकी जुदाई का गम अब जीवन भर का हुआ, 
इसलिए भाई सुन लो जरा ध्यान से, 
प्यार का इजहार कर दो समय जान के।

आज का दिन है बहुत खास मेरा

आज का दिन है बहुत खास मेरा,
इस दिन ही मैंने कुछ पाया है,
न जाने कब से उससे बिछड़ा था,
आज के दिन ही उसको पाया है,
जिसकी तलाश में वर्षो से,
मैं भटक रहा था यूँ दर-दर,
पा गया उसे एक लम्हे में,
सोचा न था वो मिलेगी इस कदर,
आज का दिन है बहुत खास मेरा,
इस दिन ही मैंने कुछ पाया है।
मिलना भी हुआ बहुत खास मेरा,
जीवन हो गया मेरा पूरा,
तब से हर लम्हा याद में उसकी,
विक्रान्त अपना समय बिताता है,
आ जायेगी जल्दी पास उसके,
यही सोच- सोच इठलाता है,
आज का दिन है बहुत खास मेरा,
इस दिन ही मैंने कुछ पाया है।