Saturday, 16 January 2016

खुद पर विश्वास करें।

कल रात एक सपना देखा,
पापा थे मुझे समझा रहे,
तुम खुद को न अकेला समझो,
हम तो हैं तेरे साथ खड़े,
जिस राह पे तुम जाना चाहो,
बढ़ जाओ तुम न घबराओ,
जहाँ भी तुम जाओगे,
साथ में मुझको पाओगे,
तेरे नाम से है मेरा नाम जुड़ा,
तो फिर क्यों तुम घबराते हो,
तुझमें है अंश मौजूद मेरा,
तो क्यों खुद को अकेला मानते हो,
तुम्हे साथ किसी का क्यों चाहिए,
जब मैं हूँ तेरे साथ खड़ा,
जो चाहो विक्रान्त कर सकते हो,
नहीं है कोई भी काम तुमसे बड़ा,
जीवन के इन राहो पर,
बेझिझक तुम आगे बढ़ो,
कुछ गड्ढ़े आएंगे राहो में,
न उन्हें सोचकर तुम आहें भरो,
पहुँचोगे एक दिन तुम वहाँ,
मंजिल तुम्हारी होगी जहाँ,
सुबह उठकर पापा से बात किया,
तो पापा ने फिर से समझाया,
जीवन का तो नाम ही दुःख है,
इससे न कोई पार पाया,
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं,
हर मंजिल में वह ही खुशियाँ पाते हैं,
पा जाओगे सारी खुशियाँ,
मेरी बात पर तुम विश्वास करो,
पा जाओगे हर मंजिल को,
पर पहले खुद पर विश्वास करो।

2 comments:

  1. Bahut khub bhaiji n prnm Ky jivan ki sekh di apne bilkul satya kha apne kvita k mdhym se jai siya ram ji ki gd aftrnun mnyvr tc

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