याद आ रहा है वो पल,
जब मिले थे हम कल,
रुका था सारा शमा,
झुका था सारा आशमा,
हम थे अपनी कश्ती में,
तुम भी थे अपनी मस्ती में,
फिर हमारी ज़िंदगी मे तुम आये,
ज़िन्दगी बदली तुम कुछ ऐसे छाए,
उस समय हम समझ न पाए तुम्हारी आहट को,
पर जाना है तुम्हारी चाहत को,
याद आ रहा है वो पल,
जब रुके थे तुम्हारे लिए कल,
फिर बिताये कुछ पल ऐसे,
जो याद आयेंगे ज़िन्दगी भर ऐसे,
आएंगे आंखों में हल्के से आंसू,
न रहेंगे फिर दिल पर काबू,
याद आ रहा है वो पल,
जब बिछड़ने के लिए मिले थे कल।
yaad aa raha hai wo pal,
jab mile the hum kal,
ruka tha sara sama,
jhuka tha sara aasama,
hum the apni kashti me,
tum bhi the apni masti me,
fir hamari zindagi me tum aaye,
zindagi badli tum kuchh aise chhaye,
us samay hum samajh na paye tumhari aahat ko,
par aaj jana hai tumhari chahat ko,
yaad aa raha hai wo pal,
jab ruke the tumhare liye kal,
fir bitaye kuchh pal aise,
jo yaad aayenge zindagi bhar aise,
aayenge aankho me halke se aansoo,
na rahenge fir dil par kabu,
yaad aa raha hai wo pal,
jab mile the bichhadne ke liye kal...
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