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दोहा:- बाबा हरसू ब्रह्म के, चरणों का करि ध्यान। चालीसा प्रस्तुत करूँ, पावन यश गुण गान।। चालीसा हरसू ब्रह्म रूप अवतारी। जेहि पूजत ...
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आरती श्री हरसू सुरवर की। शिव स्वरूप दुर्धर्ष तेजमय, जिसने देह शिलामय धारी। नृपमणि पीठ शालिवाहन के, विकृत विस्तृत अजिर बिहारी। ...
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श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं, नवकंज लोचन, कंजमुख कर, कंज पद कंजारुणं. कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरज सुन्दरम, पट प...
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