Saturday, 28 March 2015

तुझसे मिल जाने को दिल करता है।

तेरी झील सी गहरी आँखों में,
खो जाने को दिल करता है,
दूर रहकर भी तेरी यादों में,
खो जाने को दिल करता है,
तुझसे मिल जाने को दिल करता है।
तेरी तस्वीर निहारूँ शाम ओ सहर,
पुजूँ तुझको दिल ही दिल में,
अब तेरी यादों के सागर में,
खो जाने को दिल करता है,
तुझसे मिल जाने को दिल करता है।
तेरी याद में तड़पूं मैं हर पल,
तेरी यादों के बिन मैं ना रह पाऊँ,
अब तुझसे मिलकर के तुझमे,
खो जाने को दिल करता है,
तुझसे मिल जाने को दिल करता है।
तुझसे मिलकर के ऐ "जाना",
विक्रान्त चाहे तेरी मांग सजाना अब,
दुनिया को भुलाकर बस तुझमे,
खो जाने को दिल करता है,
तुझसे मिल जाने को दिल करता है।